नए दिन, नए वर्ष का आगाज़ इस तरह
मानो शिशु ने माँ के गोद में अभी खोली है आँखें
चारों तरफ देख कोशिश कर रहा सबको अपनाने की
ऐसे, मानो ना कोई अपना ना ही पराया है
इतिहास से बेखबर, भविष्य से अंजान
उत्साह ऐसा कि किलकारी में पूरा वर्त्तमान समेटे
माँ कि गोद ही दुनिया, माँ का चेहरा ही संसार
हो रहा है नए जीवन,
नए वर्ष का आगाज़
मानो शिशु ने माँ के गोद में अभी खोली है आँखें
चारों तरफ देख कोशिश कर रहा सबको अपनाने की
ऐसे, मानो ना कोई अपना ना ही पराया है
इतिहास से बेखबर, भविष्य से अंजान
उत्साह ऐसा कि किलकारी में पूरा वर्त्तमान समेटे
माँ कि गोद ही दुनिया, माँ का चेहरा ही संसार
हो रहा है नए जीवन,
नए वर्ष का आगाज़
No comments:
Post a Comment